कबीर की साखियाँ

Hozzon Létre egy Forgatókönyvet
Másolja ezt a forgatókönyvet
कबीर की साखियाँ
Storyboard That

Készítse el saját forgatókönyvét

Próbáld ki ingyen!

Készítse el saját forgatókönyvét

Próbáld ki ingyen!

Storyboard Szöveg

  • सुप्रभात बच्चों , तो आज हम पढ़ने जा रहे हैं वसंत भाग ३ का नौवाँ पाठ - कबीर की साखियाँ। शुरू करने से पहले मैं आप सब से पूछना चाहती हूँ की क्या आप में से कोई बच्चा मुझे कबीर जी का लिखा हुआ दोहा सुना सकता है उसके अर्थ सहित ?
  • ऐसी वाणी बोलिये मन का आपा खोय। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।। इसका अर्थ है - व्यक्ति को हमेशा ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो दूसरों को सुनने में अच्छी लगे , उससे दूसरों का मन तो शांत होता ही है साथ में बोलने वाले को भी शान्ति और आनंद की अनुभूति होती है।
  • बहुत अच्छे, चलिए तो अब मै आपको पाठ समझाती हूँ। इसमें कुल पाँच दोहे हैं, पहला इस प्रकार है - जाती ना पूछो साध की , पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का , पड़ा रहन दो म्यान।। इसका अर्थ है - कबीर कहते हैं की हमे साधु या विद्वान् व्यक्ति की जाती को ना देखकर उनके ज्ञान को देखना चाहिए। जैसे हम तलवार का मोल देखते हैं म्यान का नहीं।
  • दूसरा दोहा और उसका अर्थ मोहन बताएगा।
Több mint 30 millió storyboard készült