वनों की कटाई की वजह से भूमि का क्षरण होता है क्योंकि वृक्ष पहाड़ियों की सतह को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा तेजी से बढ़ती बारिश के पानी में प्राकृतिक बाधाएं पैदा करते हैं। नतीजतन नदियों का जल स्तर अचानक बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आती है।
KRISHA MASKARA
पेड़ों और अन्य वनस्पतियों के नुकसान से जलवायु परिवर्तन, मिट्टी का कटाव, कम फसलें, बाढ़, वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि और स्वदेशी के लिए कई समस्याएं हो सकती हैं।वनों की कटाई के सबसे खतरनाक और परेशान करने वाले प्रभावों में से एक है जानवरों और पौधों की प्रजातियों का उनके आवास के नुकसान के कारण नुकसान। 70% भूमि जानवर और पौधों की प्रजातियां जंगलों में रहती हैं। आवास के नुकसान के अलावा, पेड़ों की कमी भी अधिक मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों को वातावरण में छोड़ने की अनुमति देती है। स्वस्थ वन वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं,मूल्यवान कार्बन सिंक के रूप में कार्य करना। वनोन्मूलित क्षेत्र उस क्षमता को खो देते हैं और अधिक कार्बन छोड़ते हैं।पेड़ जल चक्र को विनियमित करने में मदद करके वातावरण में पानी के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं
JIVIKA RATHI
शहरी क्षेत्रों में विभिन्न जंगली जानवरों जैसे सांप, चमगादड़ आदि के दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आए हैं। कई बार जंगली जानवरों को पकड़ने के प्रयास में मार दिया जाता है। जंगलों से घिरे गांवों में शेर, बाघ और भेड़ियों जैसे मांसाहारी शिकारियों के इंसानों को शिकार बनाने के उदाहरण सामने आए हैं।
ANIKA MOHAN
वनों की कटाई से भूमि का कटाव भर जाता है, उपजाऊ सत्ता को बहा ले जाता है। वर्षा कम एवं अनियंत्रित हो जाती है। वनों की कटाई के कारण जलवायु चरम प्रकृति की हो सकती है। यह वातावरण में CO2 को बढ़ाता है और ग्लोबल वॉर्मिंग में योगदान देता है। भारी वर्षा वनों की सफाई में ऊपरी मिट्टी को जल्दी नुकसान पहुंचाती है। ऐसी स्थिति में वनों को पुनः उत्पन्न होने में अधिक समय लगेगा और भूमि कुछ समय के लिए कृषि उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं होगी।वनों की कटाई से पर्यावरण के खराब वातावरण में वृद्धि होती है, मिट्टी और जल प्रदूषण में विधि होती है ,पर्यावरण की गर्मी की मात्रा भरने लगती है।
TRISHANK MITTAL
वनों की कटाई के बुरे प्रभाव पूरे विश्व में पड रहे हैं। इसकेकारण ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु प्रदूषण , आक्सिजन की कमी हो रही है। बाढ़ आने की संभावनाभी बहुत अधिक है। वनस्पति भी विलुप्त हो रहे हैं।
AIZA PARVEZ
पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से भूजल अवशोषित करते हैं और वातावरण में मुक्त कर देते हैं। जब जंगल का एक हिस्सा निकाल दिया जाता है तो पेड़ इस पानी को वाष्पीकृत नहीं करते और इसके परिणाम स्वरुप वातावरण शुष्क हो जाता है। वनोन्मूलन मिटटी में जल की मात्रा को, भू जल की मात्रा को और वातावरण में नमी की मात्रा को कम कर देती है।