सोहम ! बहुत दिनों के बाद दिखाई दिए हो। इतने दिन कहां थे और तुमने मुंह पर कपड़ा क्यों बांधा हुआ है ?
अरे मित्र! क्या बताऊं, बढ़ते प्रदूषण के कारण सिर दर्द, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है इसलिए घर पर ही था। मुंह पर कपड़ा भी इसी कारण है।
हां मित्र! तुम बिल्कुल सही कह रहे हो, प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहे है ।आज अधिकतर लोग किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है बढ़ते प्रदूषण के कारण।
हां गोविंद ! यही कारण है कि मैं मुंह में कपड़ा बांध कर बाहर निकला हूं। प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक हमें कोई कदम उठाने होंगे।
हम प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि प्रदूषण को कम करने में अपना सहयोग दें।
लेकिन एक आम नागरिक यह कैसे कर पाएगा ?
क्यों नहीं कर पाएगा? एक नागरिक द्वारा बहुत से उपाय किए जा सकते हैं जैसे गीला और सूखा कचरा अलग अलग कूड़ेदान में रखना, प्लास्टिक का उपयोग करने से बचना, लाउडस्पीकर का कम से कम प्रयोग करना, वृक्ष रोपण आदि...
हां मित्र! यह तो प्रत्येक नागरिक कर ही सकता है। सभी के सहयोग से प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है।
गोविंद, यह लो तुम भी मुंह में कपड़ा बांध लो नहीं तो तुम्हें भी तकलीफ होगी।