उसने मुझसे झूट कहा, वह भी एक बार नहीं, बार बार झूओठ कह।
क्यों? उसने ऐसे क्या किया? जो भी हो, किसीसे भी कुछ भी चुराना बुरी बात होती ह।
बहुत उत्कृष्ट। मैंने अपने झूठे दोस्त से बलदा लिया उसकी पेन चुराक।
तोह इसका यह मतलब नहीं की तुम अपने दोस्त की पेन चुराओ। तुम्हे आपस में मिलके एक समाधान निकलना चाहिए, नाकि चोरी करनी चाहि।
पर उसने मेरे साथ पहले गलत किय। तोह मैं उससे बदला क्यों न लून?
तुम्हारे मित्र ने शायद गलती की होगी, तुम्हेसे जूथ कहके, पर अगर तुम भी एक गलती करते हो, तोह तुममे और उसमे अंतर क्या रह गया? वैसे भी, यह सब शायद एक गलतफहमी भी हो सकती ह। तुम्हे ऐसे ही एक निष्कर्ष पर नहीं आना चाहिए और ऐसे अपने दोस्त के साथ बुरा नहीं करना चाहिए।
पर क्या तुम्हे नहीं लगता की क्यूंकि उसकी गलती है, उसको मेरे पास आके शांति से बात करनी चाहिए ?
गलती तोह तुम दोनों ने की ह। उसने शायद पहले की होगी, पर तुम दोनों की ज़िम्मेदारी है की आपस में इस समस्या को हल करो।
तुम सही कह रही हो, मेरे भी गलती ह। मैं अपने मित्र से शान्ति पूर्वक वार्तालाब करूंगा और साड़ी गलतफमलीया दूर कर दूंगा। मैं उससे माफ़ी मांगूंगी और उसकी पेन उसे लौटा दूंगा।
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सुनके अच्छा लगा। याद रखना, बदला लेने से हमेशा तुम्हारा बुरा होगा, और दोस्रो का बुरा कभी भी नहीं चाहने का। चोरी करना अच्छी बात नहीं है, और माफ़ी मांगने में कभी भी शर्म यान लाझा नहीं आणि चाहिए।