बहुत पहले एक लड़का था जो अपना पेट भरने के लिए पहाड़ों में तीरों से शिकार करने जाता था। एक दिन वह दोपहर भर शिकार की तलाश में पहाड़ों में भटकता रहा लेकिन उसे कोई जानवर नहीं दिखा। लड़का उदास हो गया और सोचने लगा कि शायद आज उसे खाना न मिले
जिज्ञासावश बालक चील के घोंसले की ओर चलने लगा। घोंसले के पास पहुँचकर उसने देखा कि वहाँ एक चील बैठा है और उसके सामने एक मरा हुआ साँप पड़ा है। चील के बच्चे को वह लड़का बहुत पसंद आया और वह चुपचाप उसकी ओर देखने लगा। अभी लड़का चील के बच्चे को देख रहा था तभी सांप के शरीर में हलचल हुई और उसने अपना फन उठाया। सांप वास्तव में मरा नहीं था। इससे पहले कि सांप बाज के बच्चे को काट पाता, लड़के ने जल्दी से अपना तीर निकाला और सांप को एक ही निशाने पर मार दिया। लड़के ने सोचा कि चूंकि उसने चील के बच्चे की जान बचाईहै
वह घोंसले के पास गया और ध्यान से बच्चे को उठाकर अपने घर की ओर चल दिया।वह अभी तक घर नहीं पहुंचा था, जब वह विशाल बाज न जाने कहाँ से प्रकट हुआ और आकाश में अपने सिर के ऊपर मंडराने लगा।"तुमने मेरे बच्चे को क्यों उठाया?" चील ने गुस्से में लड़के से पूछा।"क्योंकि मैंने उसकी जान बचाई थी, जिस सांप को आपने मरा हुआ सोचकर घोंसले में छोड़ा था, वह वास्तव में जीवित था और आपके बच्चे को काटने वाला था!" लड़के ने चील से कहा।
यह सुनते ही चील का गुस्सा शांत हो गया। उसने लड़के से विनती की और कहा - "तुम मेरे बच्चे को मेरे हवाले कर दो। बदले में, मैं हमेशा अपनी तेज आँखों और शक्तिशाली पंखों से तुम्हारी मदद करूँगा!"लड़के ने चील के शावक को छोड़ दिया।