हाँ, 1857 के क्रांति को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भी जाना जाता हैं। इस क्रांति में हमारे देश के कई वीर शामिल थे, जैसे – रानी लक्ष्मीबाई, नाना धुंधूपंत, कुँवर सिंह आदि।
क्या तुमने 1857 के क्रांति के बारे में सुना हैं?
हाँ, वीर कुँवर सिंह 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे। उन्हें घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ना बहुत पसंद था। वे शूरवीर, साहसी, उदार और दयालु व्यक्ति थे।
क्या तुमने 1857 के क्रांति के वीर नायक, कुँवर सिंह का नाम सुना हैं?
अब मैं तुम्हे उनकी बहादुरी का एक किस्सा सुनाती हूँ।
एक बार वीर कुँवर सिंह को अपनी सेना के साथ गंगा पर करनी थी तभी अंग्रेज सेनापति डगलस अपनी सेना लेकर बलिया के निकट गंगा तट पर पहुँच गए और कुँवर सिंह की प्रतीक्षा करने लगे परंतु उन्हें यह नहीं पता था कि कुँवर सिंह ने यह अफ़वाह फैलाई थी।
जब डगलस को इस बात की सूचना मिली तब वे गुस्से के उबाल गए और शिवराजपुर पहुँचे। उन्होंने देखा की कुँवर सिंह गंगा नदी पार कर रहे थें, तभी उन्होंने गोलियाँ बरसानी आरंभ कर दी। एक गोली कुँवर सिंह के बाएं हाथ को भेदती हुई निकल गई। उसी क्षण, उन्होंने अपने बाएं हाथ को कटकर गंगा मैया को अर्पित कर दिया।