कब से पानी लेने भेजा था, कितने काम पड़े है कब निपटाइ सारा काम ?
इतनी देर कहाँ थी, छोरी?
लता शहर जाती है
स्कूल की फ़ीस क्या तू भरेगी? शहर जाकर कुछ काम कर और घर पे दो पैसे ला।
सारा दिन खेलती रहती है, किसी काम नहीं। मैंने शहर में अपने सेठ से बात कर ली है, इसे वहाँ काम करने भेज दूँगा , घर में दो पैसे तो आएँगे
पर पिताजी मैं तो स्कूल जाना चाहती हूँ, पढ़ लिखकर मैं भी शिक्षक बनना चाहती हूँ गाँव की टीचर जी की तरह।
जेठ की कड़कती गर्मी मे आठ वर्षीय लता अपने झोपड़े के पीछे आम के पेड़ से बंधी रस्सी पर झूला झूल रही हैं पास दो घड़े पानी से भरे रखे हुए है झोपडी से आवाज़ आई।
दो महीने बाद , शहर में एक धनी व्यावसायिक के घर पर:
लता के माता-पिता बहुत क्रोधित थे। उन्हें गुस्सा आ रहा था।
लता कर रही है रोज़मर्रा का काम
लता नास्ता बन गया क्या ? बच्चे लौटते ही होंगें।
बस दस मिनट साहब !
लता के पिता उसे शहर में जाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर करने लगते हैं। लता इस फैसले से बहुत परेशान थीं।
दो बच्चे बस्ता लेकर घर में घुसते है।
लता! जल्दी से बच्चों के बैग कमरे में रख कर आ ।
लता शहर में मजदूरी करने जाती है। विद्यालय जाने की उसकी इच्छा के बावजूद।
लता बच्चों के लिए खाना बना रही हैं ताकि वे वापस आते ही खा सकें।
लता बच्चों को बैग उठाने में मदद करती है।
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